फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. इसी अवसर पर अंतिम स्नान के साथ कुंभ का समापन होता है. दुनियाभर से श्रद्धालु पवित्र नगरी प्रयागराज पहुंच कर संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं.
कुंभ मेले का अंतिम स्नान महाशिवरात्रि के दिन होता है. भगवान शिव और माता पार्वती के इस पावन पर्व पर कुंभ में आए सभी भक्त संगम में डुबकी जरूर लगाते हैं. आस्था और विश्वास के महापर्व कुंभ की भव्यता, दिव्यता और यहाँ का अलौकिक दैविक वातावरण, सब कुछ मंत्रमुग्ध कर देने वाला है. महाशिवरात्रि आध्यात्मिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण है. इस दिन प्रकृति इंसान को अपने आध्यात्मिक चरम पर पहुंचने के लिए प्रेरित करती है. गृहस्थ जीवन में रहने वाले लोग महाशिवरात्रि को शिव की विवाह वर्षगांठ के रूप में मनाते हैं.'
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. इसी अवसर पर अंतिम स्नान के साथ कुंभ का समापन होता है. दुनियाभर से श्रद्धालु पवित्र नगरी प्रयागराज पहुंच कर संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं.
कुंभ मेले का अंतिम स्नान महाशिवरात्रि के दिन होता है. भगवान शिव और माता पार्वती के इस पावन पर्व पर कुंभ में आए सभी भक्त संगम में डुबकी जरूर लगाते हैं. आस्था और विश्वास के महापर्व कुंभ की भव्यता, दिव्यता और यहाँ का अलौकिक दैविक वातावरण, सब कुछ मंत्रमुग्ध कर देने वाला है. महाशिवरात्रि आध्यात्मिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण है. इस दिन प्रकृति इंसान को अपने आध्यात्मिक चरम पर पहुंचने के लिए प्रेरित करती है. गृहस्थ जीवन में रहने वाले लोग महाशिवरात्रि को शिव की विवाह वर्षगांठ के रूप में मनाते हैं.'