ओडिशा के पुरी में होने वाली रथयात्रा के लिए सभी इंतेजाम पूरे कर लिए गए हैं. अब बस महाप्रभु के रथ पर सवार होने का इंतजार है. परंपरा के अनुसार गुरुवार को नेत्रोसब के दिन, महाप्रभु के तीनों रथों को रथ यार्ड से दक्षिण (दखिना मोड़ा) ले जाया गया और मंदिर के सिंहद्वार के पहिए पर रथ तिकड़ी को रखा गया.
इस बीच पुलिस के जवानों ने तीनों रथों को खींचा और तीनों रथों के पहिए को सिंहद्वार पर रखा.फिर, सुबह की धूप अनुष्ठान के बाद तीनों रथों को महाप्रभु से परेड किया गया. हरिबोल की ध्वनि से बड़ी गली गुंजायमान हो उठी. भक्तों द्वारा जय जगन्नाथ की ध्वनि से बड़ी गली गुंजायमान हो उठी. जब रथ दक्षिण की ओर मुड़ा तो घंटे की ध्वनि से एक अलग ही आध्यात्मिक वातावरण बन गया.