कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव के लिए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में से एक गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा कि उनकी मंशा केवल पार्टी को मजबूत बनाने की थी। बता दें कि बीते सोमवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में यह पत्र विवाद की बड़ी वजह बना था।
आजाद ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, 'मंशा कांग्रेस को मजबूत करने की थी। मैं पिछले 34 साल से कार्य समिति में हूं। जिनको कुछ भी नहीं मालूम और अप्वाइंटमेंट वाला कार्ड मिल गया है वो सब विरोध करते हैं, वो सब बाहर जाएंगे।' उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी को 50 वर्षों तक विपक्ष में बैठना है तो सीडब्ल्यूसी में चुनाव मत कराओ। मुझे इससे क्या फायदा है. हमारा रिश्ता गांधी परिवार से पारिवारिक है।
कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव के लिए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में से एक गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा कि उनकी मंशा केवल पार्टी को मजबूत बनाने की थी। बता दें कि बीते सोमवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में यह पत्र विवाद की बड़ी वजह बना था।
आजाद ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, 'मंशा कांग्रेस को मजबूत करने की थी। मैं पिछले 34 साल से कार्य समिति में हूं। जिनको कुछ भी नहीं मालूम और अप्वाइंटमेंट वाला कार्ड मिल गया है वो सब विरोध करते हैं, वो सब बाहर जाएंगे।' उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी को 50 वर्षों तक विपक्ष में बैठना है तो सीडब्ल्यूसी में चुनाव मत कराओ। मुझे इससे क्या फायदा है. हमारा रिश्ता गांधी परिवार से पारिवारिक है।