प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 104वीं जयंती के मौके पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कोरोना काल में लोगों की सेवा करते हुए मरने वाले भाजपा कार्यकर्ताओ को नमन किया।
मैं भाजपा के कार्यकर्ताओं से आग्रह करूंगा कि हर इकाई पांच दिन या सात दिन का एक विशेष सत्र तय करें, जो विद्वान लोग हैं उनको बुलाएं। हमारी जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई है उसे अध्ययन करने की जरूरत है। अध्ययन करने के बाद हम भी समाज में जाकर इसके लाभ समाज में पहुंचाएं।
राष्ट्र हित में जो योजनाएं बनाई गई हैं उन्हें लोगों तक पहुंचाना है। हमें अपने सामाजिक दायित्व को सजगता से निभाना है। अगर कोरोना के इस कालखंड की ही बात करें, तो दो गज की दूरी, मास्क, हाथ की साफ-सफाई, इन सभी के लिए जागरूकता फैलाना, निरंतर जरूरी है। हमें खुद भी इन नियमों का सख्ती से पालन करना है और दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करना है।
हमारे आदर्श, हमारी परंपरा, हमारी प्रेरणा, जितनी प्राचीन है, उतनी ही नवीन भी होनी चाहिए। हम भले ही दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल हों लेकिन हमारी पहुंच भारत के छोटे से छोटे गांव तक, छोटी से छोटी गली तक होनी ही चाहिए।
समाज की सेवा में सक्रियता दिखाने के साथ-साथ, दल के रूप में, कार्यकर्ता के रूप में, हमें एक और बात का विशेष ध्यान रखना है। हमारी बातें, हमारे विचार, हमारा आचरण, 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं के अनुरूप ही होने चाहिए।
देश के सामान्य मानव को जब हमारी बहुत ज्यादा जरूरत थी, तब हमने अपने राष्ट्रव्यापी नेटवर्क की ताकत हमारे देश के लोगों की सेवा में लगा दी। शहर हो या गांव हर जगह भाजपा कार्यकर्ताओं ने लोगों की मदद की और आज भी कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 104वीं जयंती के मौके पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कोरोना काल में लोगों की सेवा करते हुए मरने वाले भाजपा कार्यकर्ताओ को नमन किया।
मैं भाजपा के कार्यकर्ताओं से आग्रह करूंगा कि हर इकाई पांच दिन या सात दिन का एक विशेष सत्र तय करें, जो विद्वान लोग हैं उनको बुलाएं। हमारी जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई है उसे अध्ययन करने की जरूरत है। अध्ययन करने के बाद हम भी समाज में जाकर इसके लाभ समाज में पहुंचाएं।
राष्ट्र हित में जो योजनाएं बनाई गई हैं उन्हें लोगों तक पहुंचाना है। हमें अपने सामाजिक दायित्व को सजगता से निभाना है। अगर कोरोना के इस कालखंड की ही बात करें, तो दो गज की दूरी, मास्क, हाथ की साफ-सफाई, इन सभी के लिए जागरूकता फैलाना, निरंतर जरूरी है। हमें खुद भी इन नियमों का सख्ती से पालन करना है और दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करना है।
हमारे आदर्श, हमारी परंपरा, हमारी प्रेरणा, जितनी प्राचीन है, उतनी ही नवीन भी होनी चाहिए। हम भले ही दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल हों लेकिन हमारी पहुंच भारत के छोटे से छोटे गांव तक, छोटी से छोटी गली तक होनी ही चाहिए।
समाज की सेवा में सक्रियता दिखाने के साथ-साथ, दल के रूप में, कार्यकर्ता के रूप में, हमें एक और बात का विशेष ध्यान रखना है। हमारी बातें, हमारे विचार, हमारा आचरण, 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं के अनुरूप ही होने चाहिए।
देश के सामान्य मानव को जब हमारी बहुत ज्यादा जरूरत थी, तब हमने अपने राष्ट्रव्यापी नेटवर्क की ताकत हमारे देश के लोगों की सेवा में लगा दी। शहर हो या गांव हर जगह भाजपा कार्यकर्ताओं ने लोगों की मदद की और आज भी कर रहे हैं।