उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को प्रशांत भूषण के 2020 आपराधिक अवमानना मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले सुनवाई के दौरान अदालत ने न्यायपालिका के खिलाफ ट्वीट पर खेद व्यक्त नहीं करने के अपने रुख पर 'विचार करने' के लिए कार्यकर्ता-वकील भूषण को 30 मिनट का समय दिया। इसके बाद अदालत ने भूषण के वकील से उनके मुवक्किल को क्या सजा दी जानी चाहिए इसपर विचार मांगे तो उन्होंने कहा कि उन्हें कोई सजा नहीं दी जानी चाहिए।
उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को प्रशांत भूषण के 2020 आपराधिक अवमानना मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले सुनवाई के दौरान अदालत ने न्यायपालिका के खिलाफ ट्वीट पर खेद व्यक्त नहीं करने के अपने रुख पर 'विचार करने' के लिए कार्यकर्ता-वकील भूषण को 30 मिनट का समय दिया। इसके बाद अदालत ने भूषण के वकील से उनके मुवक्किल को क्या सजा दी जानी चाहिए इसपर विचार मांगे तो उन्होंने कहा कि उन्हें कोई सजा नहीं दी जानी चाहिए।