नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, कम-से-कम कक्षा 5 और हो सके तो कक्षा 8 तक मातृभाषा/गृहभाषा/क्षेत्रीय भाषा पढ़ाई का एक माध्यम होगी। बोर्ड परीक्षा का महत्व कम होगा और वे रटी हुई चीज़ों को नहीं बल्कि व्यावहारिक ज्ञान को परखने के लिए होंगे। साथ ही, सभी स्कूली स्तरों और उच्च शिक्षा में विकल्प के तौर पर संस्कृत पढ़ाई जाएगी।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, कम-से-कम कक्षा 5 और हो सके तो कक्षा 8 तक मातृभाषा/गृहभाषा/क्षेत्रीय भाषा पढ़ाई का एक माध्यम होगी। बोर्ड परीक्षा का महत्व कम होगा और वे रटी हुई चीज़ों को नहीं बल्कि व्यावहारिक ज्ञान को परखने के लिए होंगे। साथ ही, सभी स्कूली स्तरों और उच्च शिक्षा में विकल्प के तौर पर संस्कृत पढ़ाई जाएगी।