चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने अपने संबोधन में चीन से चल रहे विवाद को लेकर कहा कि आपदाओं के बीच हमारे कुछ पड़ोसियों द्वारा जो हो रहा है, देश उन चुनौतियों से भी निपट रहा है।
पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
प्यारे देशवासियो, आज 28 जून को भारत अपने एक भूतपूर्व प्रधानमंत्री को श्रृद्धांजलि दे रहा है, जिन्होंने एक नाजुक दौर में देश का नेतृत्व किया। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री पी. वी नरसिम्हा राव जी की आज जन्म-शताब्दी वर्ष की शुरुआत का दिन है।
मेरे प्यारे देशवासियो, इस बार ‘मन की बात’ में कई विषयों पर बात हुई। अगली बार जब हम मिलेंगे, तो कुछ और नए विषयों पर बात होगी। आप अपने संदेश, अपने इनोवेटिव आईडियाज मुझे जरूर भेजते रहिए।
साथियो, इस बरसात में प्रकृति की रक्षा के लिए, पर्यावरण की रक्षा के लिए, हमें भी कुछ इसी तरह सोचने की, कुछ करने की पहल करनी चाहिए। इसके बीच हमें ये भी ध्यान रखना है कि मानसून के सीजन में कई बीमारियां भी आती हैं। कोरोना काल में हमें इनसे भी बचकर रहना है। आर्युवेदिक औषधियां, काढ़ा, गर्म पानी, इन सबका इस्तेमाल करते रहिए, स्वस्थ रहिए।
साथियो देश के एक बड़े हिस्से में अब मानसून पहुंच चुका है। इस बार बारिश को लेकर मौसम विज्ञानी भी बहुत उत्साहित हैं, बहुत उम्मीद जता रहे हैं। बारिश अच्छी होगी तो हमारे किसानों की फसलें अच्छी होंगी, वातावरण भी हरा-भरा होगा। हमारे द्वारा किया गया थोड़ा सा प्रयास प्रकृति को पर्यावरण को बहुत मदद करता है। हमारे कई देशवासी तो इसमें बहुत बड़ा काम कर रहे हैं।
चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने अपने संबोधन में चीन से चल रहे विवाद को लेकर कहा कि आपदाओं के बीच हमारे कुछ पड़ोसियों द्वारा जो हो रहा है, देश उन चुनौतियों से भी निपट रहा है।
पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
प्यारे देशवासियो, आज 28 जून को भारत अपने एक भूतपूर्व प्रधानमंत्री को श्रृद्धांजलि दे रहा है, जिन्होंने एक नाजुक दौर में देश का नेतृत्व किया। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री पी. वी नरसिम्हा राव जी की आज जन्म-शताब्दी वर्ष की शुरुआत का दिन है।
मेरे प्यारे देशवासियो, इस बार ‘मन की बात’ में कई विषयों पर बात हुई। अगली बार जब हम मिलेंगे, तो कुछ और नए विषयों पर बात होगी। आप अपने संदेश, अपने इनोवेटिव आईडियाज मुझे जरूर भेजते रहिए।
साथियो, इस बरसात में प्रकृति की रक्षा के लिए, पर्यावरण की रक्षा के लिए, हमें भी कुछ इसी तरह सोचने की, कुछ करने की पहल करनी चाहिए। इसके बीच हमें ये भी ध्यान रखना है कि मानसून के सीजन में कई बीमारियां भी आती हैं। कोरोना काल में हमें इनसे भी बचकर रहना है। आर्युवेदिक औषधियां, काढ़ा, गर्म पानी, इन सबका इस्तेमाल करते रहिए, स्वस्थ रहिए।
साथियो देश के एक बड़े हिस्से में अब मानसून पहुंच चुका है। इस बार बारिश को लेकर मौसम विज्ञानी भी बहुत उत्साहित हैं, बहुत उम्मीद जता रहे हैं। बारिश अच्छी होगी तो हमारे किसानों की फसलें अच्छी होंगी, वातावरण भी हरा-भरा होगा। हमारे द्वारा किया गया थोड़ा सा प्रयास प्रकृति को पर्यावरण को बहुत मदद करता है। हमारे कई देशवासी तो इसमें बहुत बड़ा काम कर रहे हैं।