प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि निश्चित रूप से यह युग युद्ध का नहीं है लेकिन यह युग आतंकवाद का भी नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने दो वर्ष पहले रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर कहा था कि यह युग युद्ध का नहीं है और उनके इस वाक्य को वैश्विक मंच पर कई बार दोहराया गया था। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू होने के बाद वे पहली बार देश को संबोधित कर रहे थे।
शांति का मार्ग भी शक्ति से होकर जाता है
प्रधानमंत्री ने बुद्ध पूर्णिमा का जिक्र किया और कहा, ‘‘भगवान बुद्ध ने हमें शांति का रास्ता दिखाया है। शांति का मार्ग भी शक्ति से होकर जाता है। मानवता, शांति और समृद्धि की तरफ बढ़े, हर भारतीय शांति से जी सके, विकसित भारत के सपने को पूरा कर सके, इसके लिए भारत का शक्तिशाली होना बहुत जरूरी है और आवश्यकता पड़ने पर इस शक्ति का इस्तेमाल भी जरूरी है। और पिछले कुछ दिनों में, भारत ने यही किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हम सभी का एकजुट रहना, हमारी एकता, हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। निश्चित तौर पर ये युग युद्ध का नहीं है, लेकिन ये युग आतंकवाद का भी नहीं है। आतंकवाद को बिलकुल बर्दाश्त नहीं करना (करने की नीति), ये एक बेहतर दुनिया की गारंटी है।’’