▪️श्रीकांत आप्टे
बिहार में 2024 में लोकसभा की 40 सीटों के लिए हुए चुनाव को रद्द करने के लिए वैध कारण 2025 में वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण ( एसआईआर ) करवा कर आयोग ने खुद ही पैदा कर दिए हैं।
एसआईआर को निरस्त करने की मांग के जवाब में चुनाव आयोग का रटारटाया जवाब है कि बिहार में आखिरी बार एसआईआर सन् 2003 में हुआ था। क्यों हुआ था उसका कारण आयोग नहीं बताता।कारण नहीं बताकर आयोग देश को भ्रमित कर रहा है।सन् 2003 में बिहार राज्य का विभाजन होकर बिहार और झारखंड दो राज्य बने थे। राज्यवार पृथक- पृथक वोटर लिस्ट बनाने हेतु 2003 में एस आई आर एक प्रशासनिक आवश्यकता थी। 2025 में ऐसा कोई प्रशासनिक कारण एसआइआर के लिए नहीं है।
2024 में लोकसभा चुनावों से पहले 2019 की वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण पांच साल बाद हुआ था । फाइनल लिस्ट में से 4 लाख वोटरों के नाम काटे गए थे और उसके बाद बिहार में कुल वोटर संख्या 7 करोड़ 89 लाख थी।
2025 में बांग्लादेशी फर्जी वोटरों के नाम लिस्ट से हटाने के नाम पर एसआईआर की आड़ में केवल एक साल बाद 65 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से काटे गये हैं। ध्यान देने योग्य है कि काटे गये 65 लाख वोटरों में एक भी बांग्लादेशी नहीं है।
फिर वे 65 लाख वोटर कौन से हैं? आयोग के मुताबिक इनमें 22 लाख मृतक, 35 लाख वे जो बिहार से पलायन कर गए और 5 लाख डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन वाले हैं।
2024 में बिहार की फाइनल लिस्ट में 7 करोड़ 89 लाख वोटर थे। 65 लाख नाम हटाए जाने के बाद 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए कुल 7 करोड़ 24 लाख वोटर शेष हैं।
2025 के एसआईआर में अयोग्य या फर्जी घोषित 65 लाख वोटरों के नाम पर 2024 लोकसभा में फर्जी मतदान पूरे बिहार राज्य में किया गया था।
40 सीटों पर 65 लाख का फर्जी मतदान यानी प्रति सीट
1,62,500 वोटों का फर्जी मतदान। बहुत से विजयी उम्मीदवारों की जीत का अंतर इससे कम होता है।
केंद्रीय चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि 2024 में सभी 7,89,00,000 करोड़ योग्य वोटर थे तो मात्र एक साल में 65,00,000 लाख अयोग्य वोटर लिस्ट में कहां से और कैसे आ गए? अगर ये 2024 में भी अयोग्य थे तो इसका अर्थ हुआ कि फर्जी या अयोग्य वोटरों की मदद से एनडीए के घटक दलों ने चुनाव जीता क्योंकि बिहार में एनडीए की डबल इंजन सरकार थी। कांग्रेस, आरजेडी और अन्य दलों के लिए यह संभव ही नहीं था।
चुनाव आयोग के पास दो विकल्प हैं :
1. एसआईआर 2025 को निरस्त करे।
2. 2024 का लोकसभा चुनाव पूरे राज्य का निरस्त करे क्योंकि फर्जी मतदान पूरे राज्य में हुआ था।
चुनावी धांधलियों के खिलाफ संघर्ष कर रहे इंडिया गठबंधन के नेताओं ने इस ओर अगर ध्यान दिया तो संघर्ष दुधारी हो सकता है। वैसे भी 40 में से केवल 8 सीटें इंडिया गठबंधन के पास और 30 एनडीए के पास हैं।