सुप्रीम कोर्ट ने आत्महत्या संबंधी विषय पर शैक्षणिक संस्थानों के लिए पैन इंडिया दिशानिर्देश जारी किया है. जस्टिस विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि, आत्महत्या रोकथाम केवल एक नीतिगत उद्देश्य नहीं है, बल्कि जीवन, स्वास्थ्य और मानवीय गरिमा के अधिकार से जुड़ा एक बाध्यकारी दायित्व है.
बेंच ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य छात्रों को मुक्त करना है, बोझ नहीं डालना है और इसकी सच्ची सफलता ग्रेड या रैंकिंग में नहीं, बल्कि एक ऐसे इंसान के संपूर्ण विकास में निहित है जो सम्मान, आत्मविश्वास और उद्देश्य के साथ जीने में सक्षम हो.