विश्वभर में कोरोना का संक्रमण लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में विश्व में कोरोना से संक्रमित होने वालों का आंकड़ा 1 करोड़ 71 लाख के ऊपर पहुंच गया है। ऐसे समय में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आपातकालीन समिति की बैठक की है। इस बैठक में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोनोवायरस महामारी के प्रभाव को दशकों तक महसूस किया जाएगा। कोरोना वायरस से अबतक 6 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपातकालीन समिति की बैठक में जिसमें 18 सदस्य और 12 सलाहकार शामिल थे। कोरोना वायरस महामारी के संकट पर चौथी बार बैठक कर रहा है। बैठक शुरू होते ही डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा 'आज से छह महीने पहले जब विश्व स्वास्थ्य को देखते हुए हमने कोरोना को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की थी तब चीन में 100 से कम मामले थे, वहीं चीन के बाहर कोई भी मौत नहीं हुई थी। '
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने आगे कहा 'महामारी एक बार में एक सदी का स्वास्थ्य संकट है, जिसके प्रभावों को आने वाले दशकों तक महसूस किया जाएगा।' उनका कहना है कि समिति नई सिफारिशों का प्रस्ताव कर सकती है या मौजूदा लोगों को संशोधित कर सकती है।
हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि डब्ल्यूएचओ PHEIC के रूप में महामारी की स्थिति को बनाए रखेगा।
विश्वभर में कोरोना का संक्रमण लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में विश्व में कोरोना से संक्रमित होने वालों का आंकड़ा 1 करोड़ 71 लाख के ऊपर पहुंच गया है। ऐसे समय में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आपातकालीन समिति की बैठक की है। इस बैठक में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोनोवायरस महामारी के प्रभाव को दशकों तक महसूस किया जाएगा। कोरोना वायरस से अबतक 6 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपातकालीन समिति की बैठक में जिसमें 18 सदस्य और 12 सलाहकार शामिल थे। कोरोना वायरस महामारी के संकट पर चौथी बार बैठक कर रहा है। बैठक शुरू होते ही डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा 'आज से छह महीने पहले जब विश्व स्वास्थ्य को देखते हुए हमने कोरोना को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की थी तब चीन में 100 से कम मामले थे, वहीं चीन के बाहर कोई भी मौत नहीं हुई थी। '
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने आगे कहा 'महामारी एक बार में एक सदी का स्वास्थ्य संकट है, जिसके प्रभावों को आने वाले दशकों तक महसूस किया जाएगा।' उनका कहना है कि समिति नई सिफारिशों का प्रस्ताव कर सकती है या मौजूदा लोगों को संशोधित कर सकती है।
हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि डब्ल्यूएचओ PHEIC के रूप में महामारी की स्थिति को बनाए रखेगा।