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हॉट टोपिक
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Added on : 2019-02-19 12:41:45

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि देश की बैंकिंग उद्योग में बैंकों की संख्या में कमी आनी चाहिए। जेटली ने कहा कि देश में बड़े बैंकों की जरूरत है इसलिए छोटे सरकारी बैंकों का विलय होना जरूरी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि देश को कम, लेकिन ताकतवर बैंकों की जरूरत है ताकि बड़े आकार से हासिल होने वाले लाभ लिए जा सकें। उन्होंने 1 फरवरी के अंतरिम बजट में घोषित वेलफेयर प्रोग्राम्स से राजकोष की स्थिति पर असर पड़ने की चिंताएं खारिज कर दीं।

उन्होंने कहा कि एक समय, खासतौर से वित्त वर्ष 2013 और वित्त वर्ष 2014 में सरकार को महात्मा गांधी नैशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी ऐक्ट प्रोग्राम के लिए 28000 करोड़ रुपये का इंतजाम करने में भी दिक्कत हो रही थी। उन्होंने कहा, ‘आज 60000 करोड़ रुपये का इंतजाम करना संभव है।’

सरकार ने छोटे और सीमांत किसानों के लिए सालाना 6000 रुपये कैश ट्रांसफर की घोषणा की है, जिस पर इस साल 20000 करोड़ रुपये और अगले साल 75000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जेटली ने कहा, ‘मेरा अनुभव यही रहा है कि जब हम योजनाओं की घोषणा करते हैं और एक टारगेट तय कर देते हैं, तो उनके लिए बजट में इंतजाम किया जाता है, जिसका असर रेवेन्यू ग्रोथ में भी दिखता है।’

उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में राजस्व वृद्धि भी बहुत ज्यादा रही है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वह सरकारी और प्राइवेट बैंकों के प्रमुखों से इसी हफ्ते मिलेंगे और ब्याज दरों में कमी का असर लोगों तक पहुंचाने के बारे में चर्चा करेंगे।


 

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि देश की बैंकिंग उद्योग में बैंकों की संख्या में कमी आनी चाहिए। जेटली ने कहा कि देश में बड़े बैंकों की जरूरत है इसलिए छोटे सरकारी बैंकों का विलय होना जरूरी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि देश को कम, लेकिन ताकतवर बैंकों की जरूरत है ताकि बड़े आकार से हासिल होने वाले लाभ लिए जा सकें। उन्होंने 1 फरवरी के अंतरिम बजट में घोषित वेलफेयर प्रोग्राम्स से राजकोष की स्थिति पर असर पड़ने की चिंताएं खारिज कर दीं।

उन्होंने कहा कि एक समय, खासतौर से वित्त वर्ष 2013 और वित्त वर्ष 2014 में सरकार को महात्मा गांधी नैशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी ऐक्ट प्रोग्राम के लिए 28000 करोड़ रुपये का इंतजाम करने में भी दिक्कत हो रही थी। उन्होंने कहा, ‘आज 60000 करोड़ रुपये का इंतजाम करना संभव है।’

सरकार ने छोटे और सीमांत किसानों के लिए सालाना 6000 रुपये कैश ट्रांसफर की घोषणा की है, जिस पर इस साल 20000 करोड़ रुपये और अगले साल 75000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जेटली ने कहा, ‘मेरा अनुभव यही रहा है कि जब हम योजनाओं की घोषणा करते हैं और एक टारगेट तय कर देते हैं, तो उनके लिए बजट में इंतजाम किया जाता है, जिसका असर रेवेन्यू ग्रोथ में भी दिखता है।’

उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में राजस्व वृद्धि भी बहुत ज्यादा रही है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वह सरकारी और प्राइवेट बैंकों के प्रमुखों से इसी हफ्ते मिलेंगे और ब्याज दरों में कमी का असर लोगों तक पहुंचाने के बारे में चर्चा करेंगे।


 

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