भारत में हिन्दी पत्रकारिता की शुरुआत आज से ठीक 199 साल पहले, 30 मई, 1826 को कोलकाता में हुई थी। कोलकाता को पांच भाषाओं की पत्रकारिता आरंभ करने वाली गंगोत्री माना जाता है। अंग्रेजी पत्रकारिता (1780), बांग्ला पत्रकारिता (1818), उर्दू और फारसी पत्रकारिता (1822) और हिन्दी पत्रकारिता (1826)। कानपुर के पं. युगलकिशोर शुक्ल हिन्दी पत्रकारिता के प्रवर्तक हैं, जिन्होंने कोलकाता से ‘उदन्त मार्त्तण्ड’ का संपादन-प्रकाशन आरंभ किया था। बांग्ला में ‘य’ का उच्चारण ‘ज’ होता है। इसलिए उन्हें पं. जुगलकिशोर शुक्ल भी कहा जाता है। शुक्ल जी ने हिन्दी पत्रकारिता की आदि प्रतिज्ञा का निर्धारण भी किया- ‘’हिन्दुस्तानियों के हित के हेत’’।
दुर्भाग्य से पं. युगलकिशोर शुक्ल का कोई चित्र नहीं मिलता। कुछ लोगों ने आचार्य शिवपूजन सहाय के चित्र को शुक्ल जी के चित्र के रूप में प्रसारित कर रखा है।
माधवराव सप्रे स्मृति समाचारपत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान ‘उदन्त मार्त्तण्ड’ की द्वि शताब्दी समारोह श्रृंखला 21 जून, 2025 से आरंभ कर रहा है। 30 मई, 2026 तक यह सिलसिला चलेगा।
-विजयदत्त श्रीधर