भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अपने कर्मचारियों के लिए पहली बार अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्गों को सीधी नियुक्ति और पदोन्नति में आरक्षण देने की नीति को औपचारिक रूप से लागू कर दिया है. इस निर्णय को न्यायालय के प्रशासनिक ढांचे में सामाजिक न्याय और प्रतिनिधित्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. यह नीति न्यायाधीशों पर लागू नहीं होगी.